अमित शाह की बड़ी घोषणा: हुर्रियत से जुड़े दो संगठनों ने छोड़ा अलगाववाद, मोदी सरकार की नीतियों पर जताया विश्वास

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ऐलान किया है कि जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को समर्थन देने वाले हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से जुड़े दो और संगठनों ने खुद को इससे अलग कर लिया है।

Mar 27, 2025 - 20:07
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अमित शाह की बड़ी घोषणा: हुर्रियत से जुड़े दो संगठनों ने छोड़ा अलगाववाद, मोदी सरकार की नीतियों पर जताया विश्वास

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ऐलान किया है कि जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को समर्थन देने वाले हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से जुड़े दो और संगठनों ने खुद को इससे अलग कर लिया है। इन संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और भारत की एकता में भरोसा जताया है। शाह ने इसे कश्मीर में शांति और स्थिरता की बड़ी जीत बताया है।

हुर्रियत से नाता तोड़ने वाले संगठन

गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर यह खबर साझा करते हुए लिखा:

"कश्मीर घाटी से एक और ऐतिहासिक पल! हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से जुड़े जेएंडके तहरीकी इस्तेकलाल और जेएंडके तहरीक-ए-इस्तिकामत ने अलगाववादी रास्ता छोड़ दिया है। इन संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की नई भारत नीति में विश्वास जताया है।"

अलगाववाद के अंत की ओर बढ़ता कश्मीर

शाह ने स्पष्ट किया कि मोदी सरकार की मजबूत नीतियों के कारण अलगाववाद अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है और कश्मीर में राष्ट्रीय एकता की भावना तेजी से बढ़ रही है।
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि इससे पहले जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (JKPM) और जेएंडके डेमोक्रेटिक पॉलिटिकल मूवमेंट (JKDPM) ने भी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से नाता तोड़ लिया था।

गुलाम नबी सोफी का ऐलान

जेएंडके तहरीकी इस्तेकलाल के प्रमुख गुलाम नबी सोफी ने आधिकारिक रूप से अलगाववाद छोड़ने की घोषणा करते हुए कहा:

"मैंने संघर्ष किया, लेकिन गिलानी गुट और मीरवाइज गुट जनता की भावनाओं का सही प्रतिनिधित्व करने में असफल रहे। अब मैं पूरी तरह से भारत के संविधान में विश्वास रखता हूं और किसी भी अलगाववादी विचारधारा से नाता नहीं रखूंगा।"

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस पर मोहम्मद शरीफ सरताज का हमला

हाल ही में जेएंडके फ्रीडम मूवमेंट के प्रमुख मोहम्मद शरीफ सरताज ने भी अलगाववाद छोड़ने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (APHC) कश्मीरियों की आकांक्षाओं को पूरा करने में पूरी तरह असफल रही है।

उन्होंने खुद को भारत का निष्ठावान नागरिक बताते हुए राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए समर्पित रहने का संकल्प लिया। साथ ही, अपने अलगाववादी संगठन जेएंडके फ्रीडम मूवमेंट (JKFM) को भी भंग करने की घोषणा की।

कश्मीर में शांति और विकास की नई लहर

अमित शाह के इस ऐलान के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि अलगाववाद कमजोर पड़ रहा है और कश्मीर में शांति, एकता और विकास की एक नई लहर दौड़ रही है। मोदी सरकार की सख्त

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