नागपुर हिंसा: ‘छावा’ फिल्म ने भड़काया गुस्सा, सीएम और डिप्टी सीएम ने क्या कहा?
महाराष्ट्र में नागपुर हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे सुनियोजित घटना बताया है।

महाराष्ट्र में नागपुर हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे सुनियोजित घटना बताया है। विधानसभा में चर्चा के दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिस पर हमले किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के विरोध प्रदर्शन के बाद अफवाहें फैलीं कि धार्मिक सामग्री जला दी गई, जिससे हिंसा भड़क गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि फिल्म ‘छावा’ ने औरंगजेब के खिलाफ लोगों में गुस्सा बढ़ाया है, लेकिन राज्य में शांति बनाए रखना आवश्यक है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अफवाहों ने कैसे भड़काई हिंसा?
नागपुर पुलिस आयुक्त रवींद्र सिंघल ने जानकारी दी कि हिंसा के मामले में 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है और पांच प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। सोमवार शाम मध्य नागपुर में हिंसा फैल गई, जिसमें पुलिस पर पथराव किया गया। अफवाहें थीं कि एक दक्षिणपंथी संगठन द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र हटाने के विरोध में पवित्र पुस्तक को जलाया गया था।
राजनीति नहीं होनी चाहिए – चंद्रशेखर बावनकुले
नागपुर के प्रभारी मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि सोशल मीडिया के कारण स्थिति बिगड़ी और विपक्ष को इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। उन्होंने पुलिस आयुक्त और जिला कलेक्टर के साथ बैठक कर सभी समुदायों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि गृह विभाग ने कोई गलती नहीं की और पुलिस ने हिंदू-मुस्लिम समुदायों के बीच ढाल बनकर हिंसा को रोकने का प्रयास किया, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हुए। बावनकुले के अनुसार, स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है, लेकिन पर्याप्त सुरक्षा बलों की तैनाती से हालात नियंत्रण में हैं।
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