अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड की भारत यात्रा: आर्थिक और सामरिक संबंधों पर अहम चर्चा

अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड आधिकारिक दौरे पर भारत पहुंचीं और भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर महत्वपूर्ण बातचीत की।

अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड की भारत यात्रा: आर्थिक और सामरिक संबंधों पर अहम चर्चा

अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड आधिकारिक दौरे पर भारत पहुंचीं और भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर महत्वपूर्ण बातचीत की। नई दिल्ली में थिंक टैंक ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) द्वारा आयोजित वार्षिक रायसीना डायलॉग में उन्होंने भारत-अमेरिका आर्थिक और सामरिक सहयोग को विस्तार देने पर जोर दिया।

भारत-अमेरिका आर्थिक सहयोग को विस्तार देने पर जोर

तुलसी गबार्ड ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ को लेकर भारत और अमेरिका के शीर्ष नेतृत्व के बीच सीधे संवाद हुए हैं। उन्होंने इसे भारत-अमेरिका आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने का एक बड़ा अवसर बताया।

गबार्ड ने कहा,
"पिछले कुछ दिनों में भारतीय अधिकारियों के साथ हुई चर्चाओं से स्पष्ट है कि भारत अमेरिकी टैरिफ को एक अवसर के रूप में देख रहा है, जिससे द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक सहयोग को और अधिक गति मिल सकती है।"

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की रणनीति

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय अर्थव्यवस्था और जनता के लिए सर्वश्रेष्ठ अवसरों की तलाश में हैं, जबकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के आर्थिक हितों को प्राथमिकता दे रहे हैं। दोनों नेता बेहतर समाधान खोजने पर काम कर रहे हैं ताकि दोनों देशों को अधिकतम लाभ मिल सके।

राजनाथ सिंह और तुलसी गबार्ड की बैठक: रक्षा और खुफिया सहयोग पर चर्चा

भारत यात्रा के दौरान तुलसी गबार्ड ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। इस बैठक में भारत-अमेरिका सामरिक साझेदारी को मजबूत करने और रक्षा तथा खुफिया जानकारी साझा करने के तंत्र को बेहतर बनाने पर चर्चा हुई।

बैठक के बाद राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा:
"मुझे अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया प्रमुख से मिलकर खुशी हुई। हमने भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग को मजबूत करने और खुफिया जानकारी साझा करने के तरीकों पर चर्चा की।"

NSA अजीत डोभाल और तुलसी गबार्ड की बैठक

इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल से भी मुलाकात की। इस गोपनीय बैठक में माना जा रहा है कि आतंकवाद, वैश्विक सुरक्षा और नई तकनीकों से उत्पन्न खतरों से निपटने के लिए खुफिया जानकारी साझा करने और सहयोग बढ़ाने पर बातचीत हुई।

भारत द्वारा आयोजित सुरक्षा सम्मेलन में वैश्विक खुफिया अधिकारियों की भागीदारी

भारत की मेजबानी में आयोजित वैश्विक सुरक्षा सम्मेलन में अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन के शीर्ष खुफिया अधिकारियों ने हिस्सा लिया। प्रमुख प्रतिभागियों में शामिल थे:
अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड
कनाडा के खुफिया प्रमुख डेनियल रोजर्स
ब्रिटेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जोनाथन पॉवेल

इस बैठक में वैश्विक सुरक्षा, आतंकवाद और उभरती प्रौद्योगिकियों से जुड़ी चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया गया।

भारत-अमेरिका साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की कवायद

तुलसी गबार्ड की यह यात्रा डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के किसी शीर्ष अधिकारी की भारत की पहली उच्चस्तरीय यात्रा मानी जा रही है। इससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि भारत और अमेरिका अपने रक्षा और खुफिया सहयोग को और अधिक मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

 भारत-अमेरिका संबंधों में यह यात्रा एक नया मील का पत्थर साबित हो सकती है, जिससे द्विपक्षीय व्यापार, रक्षा और सुरक्षा सहयोग को और गति मिलेगी।