नेशनल एग्रिकल्चर पॉलिसी पर पंजाब विधानसभा में विरोध: AAP और कांग्रेस ने मिलकर पारित किया निंदा प्रस्ताव
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पंजाब विधानसभा में केंद्र सरकार की नेशनल एग्रिकल्चर पॉलिसी के खिलाफ कड़ा विरोध देखने को मिला। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस नीति को किसान विरोधी बताते हुए तीखा हमला बोला। इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के विधायक एकजुट नजर आए और ध्वनिमत से निंदा प्रस्ताव पारित किया।
AAP और कांग्रेस का केंद्र सरकार पर हमला
पंजाब में आमतौर पर AAP और कांग्रेस के बीच राजनीतिक मतभेद देखने को मिलते हैं, लेकिन इस बार दोनों दलों ने केंद्र सरकार की कृषि नीति के खिलाफ साझा मोर्चा बना लिया। वहीं, भाजपा के विधायक अश्वनी शर्मा और जंगीलाल महाजन इस महत्वपूर्ण बहस से अनुपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि कृषि विपणन (Agriculture Marketing) राज्य सूची का विषय है और केंद्र सरकार का इसमें दखल देना गलत है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह नीति राज्य सरकार के अधिकारों का हनन करती है और इससे किसानों का नुकसान होगा।
कांग्रेस का समर्थन, निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने का आरोप
कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा समेत सभी कांग्रेस विधायकों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया और कहा कि कांग्रेस किसानों के हितों की रक्षा के लिए राज्य सरकार के साथ खड़ी है।
पंजाब के विधायकों ने केंद्र सरकार की नई कृषि नीति को निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने वाला करार दिया। उन्होंने आशंका जताई कि यदि यह नीति लागू हुई तो कृषि उत्पादों की मार्केटिंग में निजी कंपनियों का दखल बढ़ेगा और राज्य स्तर पर एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी (APMC) अप्रासंगिक हो जाएगी।
पंजाब में फिर भड़का कृषि विरोध
गौरतलब है कि पंजाब में तीन कृषि कानूनों का सबसे ज्यादा विरोध हुआ था। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से अधिक समय तक आंदोलन किया था, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इन कानूनों को वापस लेना पड़ा था।
अब, नई नेशनल एग्रिकल्चर पॉलिसी पर भी पंजाब में जोरदार विरोध देखने को मिल रहा है, जिससे साफ संकेत मिलते हैं कि यह मुद्दा आने वाले समय में राजनीतिक रूप से और गरमाएगा।